NCERT किताब में अयोध्या विवाद से जुड़े बदलाव: जानिए क्या है पूरा मामला और विशेषज्ञों की राय

12वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की NCERT किताब में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनमें अयोध्या विवाद से जुड़ा अध्याय भी शामिल है। इन बदलावों ने शिक्षाविदों और राजनीतिक दलों के बीच बहस छेड़ दी है।

Class 12th की political science की किताब में कुछ बड़े बदलाव किए गए हैं। ये बदलाव राम जन्म भूमि आंदोलन और अयोध्या से जुड़े हुए chapter को लेकर किया गया हैं। उस किताब के अंदर से बाबरी मस्जिद का नाम हटाकर उसकी जगह तीन गुम्बद वाला ढांचा कर दिया गया हैं। साथ ही अयोध्या मामले को भी 4 page से कम कर अब इसे सिर्फ 2 page में ही समेट दिया गया हैं। पहले की किताब के मुकाबले अयोध्या मामले से जुड़े कई महत्वपूर्ण विवरण हटा दिए गए हैं। Expert की report के मुताबिक 12th की political science की किताब से जिन तथ्यो को हटाया गया हैं, उनमें सोमनाथ से अयोध्या तक भाजपा की रथयात्रा, कार सेवकों की भूमिका , 6 December 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंश के बाद सांप्रदायिक हिंसा, भाजपा शासित राज्यों में राष्ट्रपति शासन जैसे तथ्यों को भी हटा दिया गया हैं। Class 12th political science,की किताब में अयोध्या मामले का जिक्र 4 पन्नों में था , लेकिन नए पन्नों में अयोध्या विवाद की जगह अयोध्या विषय कर दिया गया हैं। और इस पूरे मामले को सिर्फ दो पन्नो में ही समेट दिया गया हैं। वहीं पुरानी किताब में बाबरी मस्जिद को मुगल साम्राज्य बाबर के , इस सवाल पर NCERT के डायरेक्टर  दिनेश प्रसाद सकलानी से पूछा गया कि बाबरी मस्जिद विध्वंस या उसके बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा के संदर्भ क्यों हटाए गए? तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, “हमें स्कूली पाठ्यपुस्तकों में दंगों के बारे में क्यों पढ़ाना चाहिए? हम सकारात्मक नागरिक बनाना चाहते हैं, न कि हिंसक और उदास व्यक्ति। क्या हमें अपने छात्रों को इस तरह पढ़ाना चाहिए कि वे आक्रामक हो जाएं, समाज में नफरत पैदा करें या नफरत का शिकार बनें? क्या यही शिक्षा का उद्देश्य है? क्या हमें ऐसे छोटे बच्चों को दंगों के बारे में पढ़ाना चाहिए। जब वे बड़े होंगे, तो वे इसके बारे में जान सकते हैं, लेकिन स्कूली पाठ्यपुस्तकों में क्यों? उन्हें बड़े होने पर यह समझने दें कि क्या हुआ और क्यों हुआ। बदलावों के बारे में शोर-शराबा अप्रासंगिक है।”

बदलावों का विवरण:

  • बाबरी मस्जिद का उल्लेख: पहले की किताब में बाबरी मस्जिद का उल्लेख था, जिसे अब “तीन गुंबद वाला ढांचा” कर दिया गया है।
  • अयोध्या विवाद का दायरा: पहले अयोध्या विवाद को 4 पृष्ठों में समझाया गया था, जो अब 2 पृष्ठों में सिमट गया है।
  • हटाए गए तथ्य: रथयात्रा, कारसेवक, 1992 का विध्वंस, सांप्रदायिक हिंसा, राष्ट्रपति शासन जैसे महत्वपूर्ण विवरण हटा दिए गए हैं।

विशेषज्ञों की राय:

  • डॉ. अरविंद कुमार (इतिहासकार): “यह चिंताजनक है कि महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं को पाठ्यक्रम से हटाया जा रहा है। छात्रों को सभी दृष्टिकोणों से अवगत होना चाहिए।”
  • प्रोफेसर राधा चक्रवर्ती (राजनीति विज्ञान): “यह बदलाव एक निश्चित दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है और छात्रों को महत्वपूर्ण सोच से वंचित करता है।”

NCERT का रुख:

NCERT के निदेशक, दिनेश प्रसाद सकलानी का कहना है कि “हम छात्रों को सकारात्मक नागरिक बनाना चाहते हैं, न कि हिंसक और उदास व्यक्ति।” उनका मानना है कि स्कूली पाठ्यक्रम में दंगों के बारे में पढ़ाना उचित नहीं है।

निष्कर्ष:

NCERT किताबों में किए गए बदलावों ने शिक्षा, इतिहास और सामाजिक अध्ययन के क्षेत्र में बहस छेड़ दी है। यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी पहलुओं पर विचार करें और इस मुद्दे पर एक सार्थक चर्चा करें।

आप इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं? टिप्पणी में अपनी राय जरूर बताएं।

अतिरिक्त जानकारी:

  • NCERT वेबसाइट: https://ncert.nic.in/
  • अयोध्या विवाद: https://en.wikipedia.org/wiki/Ayodhya_dispute

हम उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।

अगर आपके कोई प्रश्न हैं, तो कृपया हमें टिप्पणी में बताएं।

 

 

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