यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को कार्यक्रम तैयार करने के दिए निर्देश

CUET UG के परिणाम जारी होने के बाद छात्रों को दाखिले के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। UGC ने विश्वविद्यालयों से कहा है कि दाखिला प्रक्रिया में देरी से छात्रों को आगे दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
इसके लिए विश्वविद्यालयों को अपना कार्यक्रम तैयार करने का निर्देश दिया गया है। दाखिले के समय दूर-दराज, मानसून आदि को ध्यान में रखते हुए समय देना होगा। इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने को कहा गया है , साथ ही ऑनलाइन दाखिले की सुविधा भी देनी होगी ताकि छात्र कहीं से भी दाखिला फीस, दस्तावेज जमा कर सके ।

नया सत्र अगस्त के दूसरे से तीसरे हफ्ते के बीच

यूजीसी ने अगस्त के दूसरे-तीसरे हफ्ते के बीच नया शैक्षणिक सत्र शुरू करने को कहा है। हालांकि विश्वविद्यालय स्वायत्त संस्थान हैं, इसलिए वे अपने आधार पर दाखिला प्रक्रिया और नया सत्र शुरू करने का अधिकार रखते हैं। शैक्षणिक सत्र के देरी से शुरू होने का असर पढ़ाई पर नहीं पड़ेगा। कोरोना काल में भी शैक्षणिक सत्र में देर हुई थी, लेकिन छुटिट्यों में कटौती व शनिवार को कक्षाएं लगाकर सेमेस्टर सत्र समय से पूरा कर लिया गया था। इससे पहले विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र अगस्त के पहले हफ्ते से शुरू होता है, लेकिन प्रवेश अगस्त आखिरी हफ्ते तक चलते हैं।

60 मिनट का दिया गया था समय

इकनोमिक्स, अकाउंटेंसी, फिजिक्स, कंप्यूटर साइंस, इंफोरमेटिक्स प्रैक्टिस, कैमिस्ट्री, मैथ्मेटिक्स, जनरल विषयों की परीक्षा के लिए 60 मिनट का समय दिया गया था। परीक्षा के लिए भारत में 379 शहरों और विदेशों के 26 शहरों में परीक्षा कराई गई थी। परीक्षा में 1,195 विषय विशेषज्ञ और 5,65 अनुवादक थे।
इन विवि में होंगे दाखिले

सीयूईटी-यूजी की परीक्षा से 157 निजी, 46 केंद्रीय, 40 राज्य, 29 डीम्ड टू-बी यूनिवर्सिटी समेत विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिला मिलेगा। इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, अंबेडकर यूनिवर्सिटी लखनऊ, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि, धर्मशाला यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश, विश्व भारती, राजस्थान यूनिवर्सिटी, हरियाणा यूनिवर्सिटी समेत अन्य विश्वविद्यालय शामिल हैं।

अंग्रेजी समेत 13 भारतीय भाषाओं में परीक्षा

सीयूईटी-यूजी की परीक्षा अंग्रेजी समेत 13 भारतीय भाषाओं में हुई थी। सबसे अधिक 8,22,518 छात्रों ने अंग्रेजी माध्यम में परीक्षा दी थी। जबकि हिंदी माध्यम में 1,65,549 छात्रों ने परीक्षा दी थी। इसके अलावा कोंकणी और सिंधी में सिर्फ दो-दो छात्र थे।

 

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *