भारतीय शिक्षा नीति 2020

आज के ब्लॉग में हम भारतीय शिक्षा नीति 2020 के बारे में जानकारी हासिल करेंगे। भारत में अंतिम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में बनाई गई थी जिसमें वर्ष 1992 में संशोधन किया गया था। नई शिक्षा नीति की सिफारिश कृष्णस्वामी कस्तूरीरंगन समिति द्वारा की गई।
शिक्षा नीति 2020 भारत सरकार द्वारा घोषित एक महत्वपूर्ण नीति है जो शिक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधारों और नई योजनाओं को प्रोत्साहित करती है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य भारत की शिक्षा प्रणाली को अनुकूलित और आधुनिक बनाना है, ताकि हर बच्चे को उनकी सामाजिक, भावनात्मक और शैक्षिक जरूरतों के अनुसार शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल सके।

इस नीति के कुछ मुख्य लक्ष्य हैं –

1. बेसिक शिक्षा का पुनर्विचार – इसमें प्राथमिक शिक्षा की समग्र गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए कई सुधार किए गए हैं।

2. 3-6-3-4 पद्धति – नई शिक्षा नीति 3 साल की प्रारंभिक शिक्षा, 3 साल की माध्यमिक शिक्षा, 4 साल की उच्चतर माध्यमिक शिक्षा की दिशा में है, जिसका मुख्य उद्देश्य है छात्रों को अपने हितों के अनुसार विषयों का चयन करने का अधिक वक्त प्रदान करना।

3. भारतीय शैक्षिक सेवा – इसे प्रशिक्षित शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए एक पेशेवरीकरण योजना के रूप में बढ़ावा देने के लिए नई सेवा बनाया गया है।

4. भाषा शिक्षा – शिक्षा को अनुकूलित और समृद्ध बनाने के लिए भारतीय भाषाओं और सांस्कृतिक परंपराओं को प्रोत्साहित करने के लिए उपाय उठाए गए हैं।

5. डिजिटल शिक्षा – तकनीकी उन्नति को ध्यान में रखते हुए, शिक्षा में डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा दिया गया है।

6. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत वर्ष 2030 तक सकल नामांकन अनुपात (Gross Eurolment Ratio-GER) को 100% लाने का लक्ष्य रखा गया है।

7. नई शिक्षा नीति के अंतर्गत केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से शिक्षा क्षेत्र पर जीडीपी के 6% हिस्से के सार्वजनिक व्यय का लक्ष्य रखा गया है।

8. नई शिक्षा नीति की घोषणा के साथ ही मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय का नाम परिवर्तित कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है।

महत्वपूर्ण जानकारी –

नई शिक्षा नीति 2020 की घोषणा के साथ ही मानव संसाधन मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है।

निष्कर्ष – इस नीति द्वारा देश में स्कूल एवं उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों की अपेक्षा की गई है। इसके उद्देश्यों के तहत वर्ष 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% GER के साथ-साथ पूर्व-विद्यालय से माध्यमिक स्तर तक शिक्षा के सार्वभौमिकरण का लक्ष्य रखा गया है। नई शिक्षा नीति का उदेश्य एक उच्च गुणवत्ता वाली, समानतापूर्ण और सुसंगत शिक्षा प्रणाली को स्थापित करना है, जो भारतीय युवा को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित बनाने में मदद कर सके। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21वीं सदी के भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिये भारतीय शिक्षा प्रणाली में बदलाव हेतु जिस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को मंज़ूरी दी है अगर उसका क्रियान्वयन सफल तरीके से होता है तो यह नई प्रणाली भारत को विश्व के अग्रणी देशों के समकक्ष ले आएगी। नई शिक्षा नीति, 2020 के तहत 3 साल से 18 साल तक के बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 के अंतर्गत रखा गया है। 34 वर्षों पश्चात् आई इस नई शिक्षा नीति का उद्देश्य सभी छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना है जिसका लक्ष्य 2025 तक पूर्व-प्राथमिक शिक्षा (3-6 वर्ष की आयु सीमा) को सार्वभौमिक बनाना है। स्नातक शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, थ्री-डी मशीन, डेटा-विश्लेषण, जैवप्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों के समावेशन से अत्याधुनिक क्षेत्रों में भी कुशल पेशेवर तैयार होंगे और युवाओं की रोजगार क्षमता में वृद्धि होगी।

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