बर्मिंघम विश्वविद्यालय ने हटाई भ्रमित करने वाली सोशल मीडिया पोस्ट
बर्मिंघम विश्वविद्यालय की ओर से हाल ही में सोशल मीडिया पर एक “चौंकाने वाला” और “अविश्वसनीय” पोस्ट की गई थी, इस पोस्ट में सिख छात्रों को मुसलमान बताया गया था। भ्रमित पोस्ट के बाद विश्वविद्यालय ने उस सोशल मीडिया पोस्ट को हटाया और माफी मांगी है। सिख प्रेस एसोसिएशन (पीए) के प्रवक्ता ने कहा, “विश्वविद्यालय के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह की त्रुटि निराशाजनक है, लेकिन बर्मिंघम विश्वविद्यालय (यूओबी) की सार्वजनिक छवि के प्रभारी लोगों को विश्वविद्यालय में समुदायों के बारे में अनभिज्ञ देखना बहुत निराशाजनक है।” वहीं यूओबी के एक प्रवक्ता ने कहा, “विश्वविद्यालय इस गलती के कारण हुए किसी भी अपराध या परेशानी के लिए ईमानदारी से माफी मांगता है।” प्रवक्ता ने कहा, “हम मानते हैं कि यह पोस्ट गलत थी। इसे पोस्ट किए जाने के तुरंत बाद हटा दिया गया। विश्वविद्यालय समुदाय की विविधता का सम्मान करता है। हमने संबंधित व्यक्तियों और समूहों से सीधे संपर्क किया है माफी मांगी और उनके विचार सुनें।”
यह घटना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दर्शाती है कि सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई जानकारी हमेशा सटीक नहीं होती है। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विभिन्न समुदायों के प्रति संवेदनशील होना और गलत सूचना फैलाने से बचना महत्वपूर्ण है।
महत्वपूर्ण बातें हैं जो इस घटना से सीखी जा सकती हैं:
- सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई जानकारी को हमेशा सत्यापित करें।
- विभिन्न समुदायों के प्रति संवेदनशील रहें और गलत सूचना फैलाने से बचें।
- यदि आप कोई गलती करते हैं, तो तुरंत स्वीकार करें और माफी मांगें।
यह घटना हमें सोशल मीडिया का जिम्मेदारी से उपयोग करने और विभिन्न समुदायों के प्रति सम्मानजनक रहने की याद दिलाती है।