पूजा खेडकर का पूरा सच आया सामने , फर्जी सर्टिफिकेट से बनी थीं ट्रेनी IAS !
आपने यह कहावत तो सुनी ही होगी कि आज नहीं तो कल सच सामने आ ही जाता है. पूजा खेडकर मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ है. पूजा ने यूपीएससी की आंखों में धूल झोंककर IAS पद तो हासिल कर लिया लेकिन इस अहम कुर्सी पर बैठने से पहले ही उनका झूठ सबके सामने आ गया. अब वे IAS/IPS/ कभी नहीं बन पाएंगी. यूपीएससी के इतिहास में यह महा धोखाधड़ी का पहला ऐसा केस है जिसने पूरे सिस्टम को जगाकर रख दिया है.
महाराष्ट्र कैडर की IAS ट्रेनी पूजा खेडकर का विवाद लम्बे समय से चल रहा है. अब यूपीएससी ने पूजा खेडकर की अस्थायी उम्मीदवारी खत्म कर दी है. पूजा खेडकर के ऊपर एक दो नहीं बल्कि धोखे से इस पद को हासिल करने के कई आरोप लगे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि पूजा खेडकर सुर्खियों में कैसे आईं और उनपर क्या आरोप लगे हैं.
UPSC ने किन सबूतों पर रद्द की उम्मीदवारी ?
UPSC ने पूजा को नोटिस जारी करके सेलेक्शन कैंसिल करने को लेकर जवाब मांगा था. UPSC ने कहा था कि पूजा के खिलाफ जांच में पाया गया कि उन्होंने अपना नाम, माता-पिता का नाम, सिग्नेचर, फोटो, ईमेल ID, मोबाइल नंबर और एड्रेस बदलकर UPSC का एग्जाम दिया. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पूजा के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, आईटी एक्ट और डिसेबिलिटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था.
इस एक गलती से सामने आया पूजा खेडकर का असली चेहरा
पूजा खेडकर ने अपनी पर्सनल कार में लाल बत्ती और महाराष्ट्र सरकार लिखवा रखा था. पूजा खेडकर की इसी गलती की वजह से वह सुर्खियों में आईं और जब जांच हुईं तो उनके सारे झूठ सामने आ गए. सबसे पहले पुणे के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर सुहास दिवासे ने पूजा के खिलाफ शिकायत की थी, जिसके बाद उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया था.