दंत चिकित्सा: बेहतर कल का वादा

कोरोना महामारी के बाद स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है। भारत और दुनिया भर में युवाओं में मेडिकल शिक्षा को लेकर उत्साह है। दंत चिकित्सा (Dentistry) मेडिकल शिक्षा की एक शाखा है जो मुंह के रोगों, दांतों, जीभ, जबड़े और अन्य संबंधित बीमारियों का निदान, रोकथाम और उपचार करता है। आज दुनिया भर में मेडिकल अपने सफलता का परचम फैला रखा है. आज अपना देश भारत मेडिकल शिक्षा में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है. दंत चिकित्सा( Dentistry) मेडिकल शिक्षा की एक शाखा है जो मुंह के रोगों और दांतों, जीभ, जबड़े और अन्य संबंधित संबंधित बीमारियों का निदान, रोकथाम और उपचार करता है।

हम बात करेंगे क्या है दंत चिकित्सा( Dentistry) Courses में Admission की प्रक्रिया ।

दंत चिकित्सक( Dentist) बनने के लिये BDS पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेना होता है जिसके लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) उत्तीर्ण करना होता है। भारत में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तर पर दंत चिकित्सा( Dentistry)  में कई पाठ्यक्रम हैं, जैसे बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS), मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी (MDS), और दंत चिकित्सा विज्ञान में पीएचडी। देश में दंत चिकित्सा में Diploma Certificate कोर्स भी उपलब्ध हैं। छात्रों के ज्ञान को बढ़ाने के लिए सभी पाठ्यक्रमों को सावधानीपूर्वक बनाया गया है।

दंत चिकित्सा( Dentistry)  कोर्स की अवधि

कार्यक्रम और स्तर के आधार पर अलग-अलग होती है। बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS) पांच साल का Under Graduate प्रोग्राम है, जिसमें एक साल की इंटर्नशिप भी शामिल है। जहां मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी (MDS) तीन साल का Post Graduate प्रोग्राम है, वहीं डेंटल साइंस में पीएचडी तीन साल का डॉक्टरेट कोर्स है। डेंटिस्ट्री में डिप्लोमा दो साल का होता है और डेंटिस्ट्री सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि छह महीने से 1 साल के बीच का है। दोस्तों, आज अपने देश भारत में भारतीय दंत चिकित्सा परिषद क़े द्वारा लगभग 300 सरकारी और निजी कॉलेज सांचालित  किया जा रह हैं।

अब हम जानते हे की दंत चिकित्सा( Dentistry) Degree के बाद Career विकल्प क्या हैं?

दंत चिकित्सा में डिप्लोमा , अंडरग्रेजुएट कोर्स और Post Graduate Course करने क़े बाद भारत और विदेशों में डिग्री धारकों के लिए रोजगार की अच्छी गुंजाइश है क्योंकि विदेशों में दंत चिकित्सकों की अत्यधिक मांग है। दंत चिकित्सा में स्नातक या स्नातकोत्तर निजी या सरकारी क्षेत्रों में छात्रों को विभिन्न नौकरी प्रोफाइल प्रदान करता है। जैसे डेंटिस्ट, डेंटल असिस्टेंट, डेंटल हाइजीनिस्ट, डेंटल लैब टेक्नीशियन, प्राइवेट प्रैक्टिशनर, लेक्चरर/प्रोफेसर, रिसर्चर और इंडियन डिफेंस मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव जैसे विभिन्न करियर का विकल्प चुन सकते हैं।

दंत चिकित्सक (Dentist) बनने के लिए BDS पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेना होता है। इसके लिए NEET परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है। भारत में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तर पर दंत चिकित्सा में कई पाठ्यक्रम हैं, जैसे:

  • बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS)
  • मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी (MDS)
  • दंत चिकित्सा विज्ञान में पीएचडी

डिप्लोमा और सर्टिफिकेट स्तर के पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं।

पाठ्यक्रम की अवधि:

  • BDS: 5 साल (1 साल इंटर्नशिप सहित)
  • MDS: 3 साल
  • डेंटल साइंस में पीएचडी: 3 साल
  • डिप्लोमा: 2 साल
  • सर्टिफिकेट: 6 महीने – 1 साल

भारत में लगभग 300 सरकारी और निजी दंत चिकित्सा कॉलेज हैं।

करियर विकल्प:

  • डेंटिस्ट
  • डेंटल असिस्टेंट
  • डेंटल हाइजीनिस्ट
  • डेंटल लैब टेक्नीशियन
  • प्राइवेट प्रैक्टिशनर
  • लेक्चरर/प्रोफेसर
  • रिसर्चर
  • इंडियन डिफेंस मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव

दंत चिकित्सा में डिग्री धारकों के लिए रोजगार की अच्छी गुंजाइश है। भारत और विदेशों में दंत चिकित्सकों की अत्यधिक मांग है।

दंत चिकित्सा चुनने के कुछ फायदे:

  • सम्मानित पेशा
  • अच्छी कमाई
  • रोजगार के अवसरों की विविधता
  • लोगों की मदद करने का अवसर

दंत चिकित्सा एक बेहतरीन कॅरियर विकल्प है जो सफलता और संतुष्टि प्रदान करता है।

यह जानकारी आपको दंत चिकित्सा के बारे में बेहतर समझ प्रदान करती है।

अतिरिक्त जानकारी:

  • भारतीय दंत चिकित्सा परिषद (Dental Council of India): https://dciindia.gov.in/
  • NEET परीक्षा: https://neet.nta.nic.in/

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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