खुशी का सार: मेरा अनुभव

“खुश कैसे रहते हैं?” यह सवाल हम सभी के मन में कभी न कभी जरूर आता है। मेरा मानना है कि खुशी का कोई एक निश्चित सूत्र नहीं होता। हर व्यक्ति की खुशी की वजह अलग-अलग होती है।
मैंने उनसे कहा कि “अपना ख्याल रखिए,हमेशा खुश रहा कीजिए”। उन्होंने झट से बोला,”खुश कैसे रहते हैं,जरा ये भी बता दीजिए।संसार में ऐसा कौन है जो खुश नहीं रहना चाहता”।मैंने उन्हें बताया कि “बुरी यादों को दिमाग से एक्जिट कीजिए,तनाव मत लीजिए और किसी से कोई उम्मीद मत रखिए”।हर इंसान के लिए खुशी की वजह अलग अलग है।कोई दो वक्त की रोटी पाकर खुश है तो कोई दो चार पीढ़ियों के ऐशो आराम की व्यवस्था करके भी दुखी है।कोई अनाज उपजा कर खुश है,कोई बेचकर तो कोई उसे खरीदकर।कोई अपने प्रेयसी की एक झलक पाकर खुश है तो कोई उसका पति बनकर भी दुखी है । कोई साइकिल पाकर खुश है तो कोई करोड़ों की गाड़ियों में भी दुखी है। मेरे पहचान के एक व्यक्ति हैं, हमेशा खुश रहते हैं। उनकी खुशी की वजह है कि उनकी कोई चाहत नहीं है,जो मिला पहन लिया,जो मिला खा लिए,जो है,उसमें वो संतुष्ट हैं।वहीं एक पहचान वाले हैं, जब भी मिलते हैं,परेशान नजर आते हैं।क्रिकेट के मैच में अफगानिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया को कैसे हरा दिया,रूस ने यूक्रेन में तबाही क्यों मचाई,अमेरिका का राष्ट्रपति किसको होना चाहिए,चीन में क्या हो रहा है,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जापान जाना चाहिए या नहीं,वगैरह वगैरह।वहीं एक हैं जो खुश रहते हैं क्यूंकि उनका पड़ोसी दुखी है।वो खुश होते हैं क्योंकि उनके पड़ोसी का किसी से झगड़ा हो गया,वो खुश रहते हैं क्यूंकि उनके आसपास सभी दुखी हैं। उम्मीद दुख का सबसे बड़ा कारण है।मैंने अपने जीवन में जितने लोगों से कोई उम्मीद की,उन्होंने निराश किया।जिनसे कोई उम्मीद नहीं थी, उन्होंने साथ दिया।जिनके साथ मैं हर स्थिति में खड़ा रहा और मुझे उम्मीद थी कि आवश्यकता पड़ने पर वो मेरे साथ खड़े होंगे।आर्थिक रूप से सुदृढ़ होने पर उन्होंने मुझसे केवल इसलिए दूरी बना ली कि उन्हें डर है कि मैं उनसे कोई मदद न मांग लूं।उम्मीदों ने हमेशा दुखी किया है।इसी प्रकार बुरी यादों को दिमाग से डिलीट कर देना चाहिए।अच्छी यादों को सहेजकर रखना चाहिए और उन्हें याद कर खुश होना चाहिए। ये मेरा निजी अनुभव रहा है कि आप प्रकृति के जितने करीब रहेंगे, उतने खुश रहेंगे।वो चाहे पिथौरागढ़ और नैनीताल की खूबसूरत वादियां हो या फिर दिसंबर और जनवरी के महीने में हमारा मोकामा बड़हिया टाल क्षेत्र ही क्यों न हो,जाने पर अकस्मात ही मन खुशियों से भर जाता है।खुशी चिड़ियों की चहचहाहट देती है,खुशी कोयल की कूक देती है,वो पालतू जानवर भी अद्भुत खुशी देते हैं,जिन्हें आप थोड़ा प्यार देते हैं।अपने आसपास अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और फिर आप पाएंगे कि आपका मन बिना वजह ही खुश रहता है।खुश रहिए,मस्त रहिए और तब आप स्वस्थ भी रहेंगे।
कुछ लोग:
- सरल जीवन जीने में खुशी ढूंढते हैं,
- प्रकृति के करीब रहने में,
- अपनों के साथ समय बिताने में,
- नए अनुभव करने में,
- दूसरों की मदद करने में,
- अपने शौक को पूरा करने में
खुशी महसूस करते हैं।
मेरे जीवन में:
- मैंने बुरी यादों को दिमाग से बाहर निकालने और अच्छी यादों को सहेजकर रखने का प्रयास किया है।
- मैंने उम्मीदों को कम रखना सीखा है।
- मैंने प्रकृति के करीब रहना शुरू किया है।
- मैंने पालतू जानवरों को प्यार देना शुरू किया है।
- मैंने अपने आसपास पेड़ लगाए हैं।
इन सबके सकारात्मक परिणाम मिले हैं।
यह भी सच है कि:
- कुछ लोग दूसरों के दुख में खुशी ढूंढते हैं।
- कुछ लोग हमेशा परेशान रहते हैं, चाहे दुनिया में कितना भी अच्छा क्यों न हो।
लेकिन मेरा मानना है कि:
- नकारात्मक सोच से दूर रहना चाहिए।
- अपने जीवन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- छोटी-छोटी खुशियों को समझना और उनका आनंद लेना चाहिए।
खुशी एक यात्रा है, मंजिल नहीं।
इस यात्रा में हर पल का आनंद लेना ही सच्ची खुशी का रहस्य है।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि:
- यह केवल मेरा व्यक्तिगत अनुभव है।
- हर व्यक्ति को अपनी खुशी का रास्ता खुद ढूंढना होगा।
आशा है कि यह आपके लिए प्रेरणादायक होगा।
अतिरिक्त टिप्पणियां:
- अपनी खुशी के लिए दूसरों पर निर्भर न रहें।
- खुशी का स्रोत अपने अंदर ही ढूंढें।
- हर पल का आनंद लेने की कोशिश करें।
शुभकामनाएं!